शिवाजीनगर । मनोकामना दुर्गा मंदिर बेला चौक में खास नियम के साथ होती है विद्वान पंडित के द्वारा स्थापित 175 वर्तियो के द्वारा कलश पूजन की जाती है शाम मे होती है महाआरती किया जाता है। मनोकामना दुर्गा मंदिर में नवरात्र प्रारंभ होने के प्रथम दिन से ही 11 मुख्य कलश 164 वर्तियों के द्वारा विधि विधान के साथ स्थापित की गई कलश की पूजा प्रथम दिन से लेकर विजयदशमी पूर्णाहुति विसर्जन तक पूजा अर्चना प्रत्येक दिन प्रत्येक व्रतियों के द्वारा किया जाता है। वही प्रत्येक दिन शाम के समय कलश पूजन के साथ-साथ महाआरती की जाती है। जिसमें काफी श्रद्धापूर्वक वर्ती एवं श्रद्धालु गण भाग लेते हैं। मनोकामना दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष रमाकांत मंडल ने बताया कि 10 वर्ष पूर्व गांव के ही किसी व्यक्ति को मां दुर्गा के द्वारा स्वप्न आया था जो की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा अर्चना किया जाए तो बेला गांव और आसपास के इलाका खुशहाल रहेंगे। इसी दिनों से लोग मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना प्रारंभ कर दिया और श्रद्धालुओं के द्वारा भव्य मंदिर का निर्माण कर पूजा अर्चना की जाती है। मनोकामना दुर्गा मंदिर में प्रत्येक दिन अयोध्या से पधारे विद्वान पंडित सरयुग दास के द्वारा विधि विधान के साथ विधिबत ढग से पूजा अर्चना की जाती है यहां मान्यता है कि जो भी व्यक्ति अपनी मनोकामना को लेकर आते हैं उनकी मुरादे पूरी होती है। मौके पर समिति अध्यक्ष रमाकांत मंडल, सचिन रामकरण मंडल शिक्षक, रामसागर मंडल, शंकर कुमार शिक्षक, मुखिया गजेंद्र प्रसाद सिंह, राम भजन मंडल, हरे राम मंडल, बाबू प्रसाद सिंह, गंगाराम मंडल, ओम नारायण सिंह, राम शंकर सिंह, हरिनारायण सिंह, महेंद्र नारायण मंडल, देवेश कुमार सिंह, गणेश मंडल, हेमंत कुमार, गणेश मंडल भंडारी, गंगा प्रसाद मंडल, राम शगुन मंडल, विपिन बिहारी प्रसाद,जय नारायण सिंह सहित अन्य ग्रामीणों की योगदान काफी सराहनीय रहा। समाचार के साथ 175 कलश व
तीयों के द्वारा पूजा अर्चना और पूजा करते पंडितों की फोटो संलग्न है।